डिजिटल मार्केटिंग क्या है। (What is Digital Marketing)
आजकल के युग में सब ऑनलाइन हो रहा है। इंटरनेट बहुत तेजी से हमारे जीवन को बदल रहा है। इंटरनेट का महत्व आज कल हमारी लाइफ में जरुरी हो गया है। आज कल कुछ भी हो सब कुछ घर बैठे ही हो रहा है चाहे बैंक ट्रांजेक्शन हो ,टिकट ,बिल जमा करना हो या कोई फार्म भरना हो या कोई जानकारी लेनी हो हम उसे चरण गूगल में सर्च करते है। इसी सब कारणों से सब कुछ दिन पर दिनऑनलाइन होता जा रहा है।आजकल हम सभी लगभग 70% इंटरनेट पर ही काम करते है। हम डिजिटल मार्केटिंग को ऑनलाइन मार्केटिंग के नाम से भी जानते है।
इसकी शुरुआत 1980 में हुई थी पर पूरी तरह यह 1990 में इसकी शुरुआत हुई। डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से हम कंप्यूटर लेपटॉप टैबलट या मोबाइल फोन से बड़े आसानी से जुड़ सकते है। चाहे हम किसी भी जगह हो डिजिटल मार्केटंग से हमारे जीवन में दिन पर दिन बदलाव होते जा रहे है।
डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है
डिजिटल मार्केटिंग के कई सारे रूप होते है जिसमे मई इनके कुछ रूप आपको बता रहा हूँ ।
1. SEO (सर्च इंजन आप्टेमेजेसन मार्कटिंग )
2. PPC ( पे पर क्लिक मार्केटिंग )
3. SMM (सोशल मीडिआ मार्केटिंग )
4. SMO (सोशल मीडिआ आप्टेमेजेसन )
5. मोबाइल मार्केटिंग आदि
डिजिटल मार्केटिंग हमारे लिए क्यों जरुरी है
डिजिटल मार्केटिंग का स्कोप दिन पर दिन हमारे जीवन में बढ़ता जा रहा है। यदि हम इसका प्रयोग हम अपने जीवन में नहीं करते है। तो हम अपने जीवन में लोगो से पीछे छूट जायेगे। आज कल सभी चीजे ऑनलाइन माध्यम से बेचीं जा रही है। यदि हम अपने व्यापर को ऑनलाइन नहीं करते है या इंटरनेट की दुनिया में नहीं लाते है तो हम अपनी चीजों को जय्यदा से जयादा नहीं बेच पाएंगे और हम पीछे छूट जायेगे।
डिजिटल मार्केटिंग के फायदे
डिजिटल मार्केटिंग हमारे जीवन के लिए जरुरी है। चाहे हम विद्यार्थी हो या व्यवसाई हो डिजिटल मार्केटिंग में हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव आ सकते है। विद्यार्थियों के लिए भविष्य में अच्छे सुनहरे भविष्य के लिए डिजिटल मार्केटिंग जरुरी है क्योकि आने वाला समय डिजटल युग का ही है। और व्यासइयो के लिए भी जरुरी है की वो अपने व्यवसाय को ऑनलाइन प्लॅटफॉम पर लेकर अपना सामान पुरे भारत में या पूरी दुनिया में कही भी बेच सकते है। जिससे उनके व्यापर को गति मिलेगी और वो भी आने वाले समय पर अपनी पाकर आसानी से बना पाएंगे
क्योकि ऐसा कहा जाता है। बदलाव ही प्रकृति का नियम है। इसलिए हमें अपने जीवन के साथ साथ हमें बदलते युग के साथ भी चलना चाहिए नहीं तो हमें इसका नुकसान भी हो सकता है।